धर्म या मजहब
1. धर्म की परिचय क्या है ?
मज़हब या धर्म किसी भी एक या एक से अधिक परलौकिक शक्तियों में विश्वास रखना और इसके साथ साथ इनसे जुड़ी कुछ रीती, रिवाज, परम्परा, पूजा करने की विधि एव दर्शन का एक समूह होता है |
मध्ययुग में विकसित की हुई दर्शन एवं धर्म के परम्परागत धारणाओं एवं स्वरूप के प्रति आज के लोगो की निष्ठा घटती जा रही है। मध्य युग के समय दर्शन एवं धर्म के बहुत से प्रतिमान हुआ करते थे |
♥ धर्म लेख के मुख्य बिंदुओ...
1. धर्म की परिचय क्या है ?
2. धर्म के बारे में लोगों की क्या सोच है ?
3. धर्म को लेकर कुछ लोग की गलत अवधारणा क्या हैं ?
2. धर्म के बारे में लोगों की क्या सोच है ?
स्वर्ग की कल्पना, करना संसार एव जीवो में शक्ति की कल्पना करना | आज के समय में यह सब निर्थक सा मालूम पड़ता है |
लोग अपने देश और पर्पंचो एव काल की माया से परिपूर्ण अवधारणा दी गई थी।
उस युग में लोगो का ध्यान सदैव अपने से श्रेष्ठ आचरण, मेहनत एवं पुरुषार्थ के द्वारा वे अपने वर्तमान समय की समस्याओं का निदान करने की ओर कम रहा करता था,
अपने शक्ति की पूजा एवं जय गान करने में अधिक ध्यान रहता था।
धर्म के बड़े – बड़े व्याख्या करने वालो ने संसार में प्रत्येक कार्य को किया जाना उस शक्ति की चाह माना है,
और लोग उस शक्ति के हाथो एक कठपुतली के रूप में स्वीकार किया है |
बहुत से दार्शनिको ने आज के समय की विभिनता हेतु ‘कर्म के सिदान्त’ का सूत्र में प्रतिपादित किया है |
और इसका परिणिति मध्य युग के समय में यह हुआ की आज की सारी समस्याओं के कारण लोग भाग्य अथवा उस शक्ति की मंर्जी मान लिया गया है |
3. धर्म को लेकर कुछ लोग की गलत अवधारणा क्या हैं ?
धर्म के ठेकेदारों ने पुरुषार्थ-वादी-मार्ग के मुख्य-द्वार पर ताला लगा रखा है।
समाज की विपन्नता को उसकी नियति मान रखा है | और समाज स्वयं भी भाग्यवादी बनकर अपनी सुख-दुःख स्थितियों से संतोस करके रह जाता है |
आज के इस जमाने ने यह हमें चेतना प्रदान की है, की विकास करने के सारे रास्तो को हमें स्वयं बनानी है |
किसी देश या समाज के समस्याओं का समाधानकर्म ...
कौशल –व्यवस्था – तथा तकनिकी – मेहनत – वैज्ञानिक –और निष्ठा से ही संभव हो सकता है |
आज के समय में लोगो की इच्छा अपने वर्तमान के स्थिथि को सुधारने में अधिक होता है |
और लोग दिव्य शक्तियों को अपने इस माया रूपी संसार में उतर लानने में निरंतर प्रयास में लगा हुआ रहता है | और तो और वह इसी संसार को स्वर्ग बनाने में लगा होता है |
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1. हिन्दू धर्म
2. इस्लाम धर्म
3. ईसाई धर्म
4. सिख धर्म
5. बौद्ध धर्म
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भारत में धर्म ☆
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