पाषाण युग
1. पाषाण युग मुख्य जानकारियाँ क्या है ?
पाषाण युग इतिहास का वह काल है, जिसमें मानव का जीवन पत्थरों पर अत्यधिक निर्भर था। जैसे की,
पत्थरों से आग पैदा करना, पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना इत्यादि। पाषाण युग के तीन चरण माने जाते हैं |
वे है, पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल तथा नवपाषाण काल जो मानव इतिहास के आरम्भ यानि की 25 लाख साल पूर्व से लेकर काँस्य युग तक फ़ैला हुआ है।
♥ पाषाण युग के लेख के मुख्य बिंदुओ...
1. पाषाण युग मुख्य जानकारियाँ क्या है ?
2. पुरापाषाण काल की अवधि है ?
3. मध्यपाषाण काल की अवधि है ?
4. नवपाषाण काल की अवधि है ?
5. शैल चित्र कहाँ से प्राप्त हुई है ?
• 1. पुरापाषाण काल (Paleolithic Era)
• 2. मध्यपाषाण काल (Mesolithic Era)
• 3. नवपाषाण काल (Neolithic Era)
2. पुरापाषाण काल की अवधि है ?
पुरापाषाण काल (Paleolithic Era) की अवधि 25 - 20 लाख साल से 12000 साल पूर्व तक ...
भारत मे इसके अवशेष बेलन, सोहन, तथा नर्मदा नदी घाटी में से प्राप्त हुये है।
भोपाल के पास में स्थित भीमबेटका नामक चित्रित गुफायें, शैलाश्रय तथा अनेक कलाकृतिया मिली हुई है।
विशिष्ट उपकरण में शामिल है, जैसे की कुल्हाड़ी, स्क्रेपर और क्लीवर आदि।
3. मध्यपाषाण काल की अवधि है ?
मध्यपाषाण काल (Mesolithic Era) की अवधि 1200 साल से लेकर 10000 साल पूर्व तक ...
इस युग को लधुपाषाण युग भी कहा जाता है।
4. नवपाषाण काल की अवधि है ?
नवपाषाण काल (Neolithic Era) की अवधि 10000 साल से 3300 ई.पू. तक है |
5. शैल चित्र कहाँ से प्राप्त हुई है ?
शैल चित्र उत्तर प्रदेश राज्य के मीरजापुर जिले के विंध्यपहाड़ी के कंदराओं से भी प्राप्त हुआ है।
जिसको सीता कोहबर नाम के स्थान पर दिंनाक 12 फरवरी 2014 को एक गुमनाम पत्रकार जिसका नाम शिवसागर बिंद है, उन्होंने खोज निकाला था।
जिसकी पुष्टी के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारियों ने किया था।
पाषाण युग | पुरापाषाण काल (पूर्व पुराप्रस्तर युग, मध्य पुराप्रस्तर युग, उत्तर पुरापाषण युग) . अनुपुरापाषाण काल . मध्यपाषाण . नवपाषाण |
कांस्य युग | पूर्व कांस्य युग . मध्य काम्स्य युग . उत्तर कांस्य युग |
लौह युग | पूर्व लौह युग . मध्य लौह युग . उत्तर लौह युग |
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