1. भारतीय की इतिहास मुख्य जानकारियाँ क्या है ?
हमारे देश भारत का इतिहास कई हजार वर्ष पुराना माना जाता है। क्योंकि मेहरगढ़ पुरातात्विक की दृष्टि से महत्वपूर्ण एक स्थान है | जहाँ नवपाषाण युग (7000 ईसा-पूर्व से 2500 ईसा-पूर्व) के ऐसे बहुत से अवशेष प्राप्त हुये हैं।
जिनसे सिन्धु घाटी सभ्यता का, जिसका आरंभ काल लगभग 3300 ईसा - पूर्व से माना जाता है, और प्राचीन सुमेर और मिस्र सभ्यता के साथ विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक सभ्यता हैं।
तथा इस सभ्यता की लिपि अब तक भी सफलता पूर्वक पढ़ी नहीं जा सकी है।
♥ भारत का इतिहास लेख के मुख्य बिंदुओ...
1. भारतीय की इतिहास मुख्य जानकारियाँ क्या है ?
2. प्राचीन भारत के मुख्य स्रोत क्या - क्या है ?
3. राष्ट्र के रुप में भारत का उदय कैसे हुआ ?
4. प्राचीन भारत की जानकारियाँ,
5. मध्यकालीन भारत की जानकारियाँ,
6. आधुनिक भारत की जानकारियाँ,
सिंधु घाटी सभ्यता वर्तमान में यह पाकिस्तान और उससे लगे भारतीय प्रदेशों के क्षेत्रों में फैली हुई थी।
जैसा की पुरातत्त्व प्रमाणों के आधार पर
1900 ईसा - पूर्व के नजदीक इस सभ्यता का अचानक से पतन हो गया था।
19 वी शताब्दी के पश्चात विद्धानो के प्रचलित दृष्टिकोणों के आधार पर आर्यों का एक समूह भारतीय उप महाद्वीप की सीमाओं पर
2000 ईसा पूर्व के आसपास पहुंचा तथा इसके पूर्व पंजाब में बस गया,
और यही से ऋग्वेद की ऋचाओं की रचना भी की गई। आर्यों द्वारा मध्य भारत तथा उत्तर भारत में एक विकसित सभ्यता का निर्माण किया गया था,
जिसे वैदिक सभ्यता भी कहा जाता हैं। प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक सभ्यता सबसे शुरुआत की सभ्यता है,
जिसका नाता आर्यों के आगमन से है। और इस सभ्यता का नामकरण आर्यों के प्रारम्भिक साहित्य वेदों के नाम पर रखा गया है।
संस्कृत आर्यों की भाषा थी | और धर्म "वैदिक धर्म" या "सनातन धर्म" के नाम से लोकप्रिय था,
उसके बाद से विदेशी आक्रमणकारीयों के द्वारा इस धर्म का नाम हिन्दू पड़ा था।
2. प्राचीन भारत के मुख्य स्रोत क्या - क्या है ?
सामान्यत विद्दवान भारतीय इतिहास को एक सम्पूर्ण पर अर्ध-लिखित इतिहास कहते हैं लेकिन भारतीय इतिहास के कई ऐसे पुख्ता प्रमाण है।
जिससे की यह सम्पूर्ण इतिहास है, जैसे की, , हेरोडोटस, फ़ा हियान, सिंधु घाटी की लिपि, अशोक के शिलाले, ह्वेन सांग, मार्कोपोलो, संगम साहित्य, संस्कृत लेखकों तथा इत्यादि से प्राचीन भारत का इतिहास प्राप्त होता है।
तथा मध्यकाल में अल-बेरुनी और उसके बाद दिल्ली सल्तनत के राजाओं की जीवनी भी अति महत्वपूर्ण है। बाबरनामा के द्वरा रचित आईन-ए-अकबरी आदि जीवनियाँ से हमें उत्तर मध्यकाल के बारे में जानकारियाँ मिलती हैं।
भारत में मानव जीवन का प्राचीनतम प्रमाण
100000 वर्ष से 80000 वर्ष पूर्व का है। पाषाण युग जो की भीमबेटका, मध्य प्रदेश के अंतर्गत का क्षेत्र है,
जहाँ के चट्टानों पर चित्रों का कालक्रम
40000 वर्ष ई पू से 9000 वर्ष ई पूर्व का माना जाता है।
प्रथम स्थायी बस्तियां ने 900 वर्ष पूर्व स्वरुप लिया। और उत्तर पश्चिम में सिन्धु घाटी सभ्यता
7000 वर्ष ई पूर्व विकसित हुई |
जो 26 वीं शताब्दी ईसा पूर्व और 20 वीं शताब्दी ईसा पहले के मध्य अपने अंतिम चरम पर थी। और वैदिक सभ्यता का कालक्रम भी ज्योतिष के विश्लेषण से
4000 वर्ष ई पहले तक का जाता है।
3. राष्ट्र के रुप में भारत का उदय कैसे हुआ ?
भारत को एक सनातन राष्ट्र माना जाता है, क्योंकि यह मानव सभ्यता का पहला राष्ट्र था।
जिसमें श्रीमभागवत कथा के पञ्चम स्कन्ध में भारत राष्ट्र की स्थापना होने का उल्लेख किया हुआ वर्णन मिलता है।
भारतीय दर्शन के अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति के फलस्वरूप ब्रह्मा के मानस पुत्र
स्वायंभुव मनु ने व्यवस्था सम्भाली।
और मनु के दो संतान,
प्रियव्रत और उत्तानपाद थे। उत्तानपाद विष्णु भक्त ध्रुव के पिता थे।
और इन्हीं
प्रियव्रत के दस संतान थे। जिसमे तीन पुत्र बाल्य-अवस्था से ही विरक्त थे।
इसी कारण से प्रियव्रत ने
पृथ्वी को केवल सात भागों में विभक्त कर एक - एक भाग प्रत्येक पुत्र को सौंप दिया।
और इन्हीं में से एक थे | आग्नीध्र जिन्हें जम्बूद्वीप का शासन कार्य - भर सौंपा गया था।
अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में यानि की वृद्धावस्था में
आग्नीध्र ने अपने नौ संतानों को जम्बूद्वीप के अलग - अलग नौ स्थानों का शासन – भार का दायित्व सौंपा।
इन नौ पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र
नाभि थे | जिन्हें हिमवर्ष का भू – भाग हिस्से में मिला था।
इन्होंने
हिमवर्ष को स्वयं के नाम
अजनाभ के साथ जोड़कर
अजनाभवर्ष प्रचारित किया। यह हिमवर्ष या अजनाभवर्ष ही प्राचीन काल का भारत देश बना था।
राजा नाभि के पुत्र ऋषभ थे । और ऋषभदेव के सौ पुत्रों में भरत ज्येष्ठ तथा सबसे गुणवान ज्यादा थे। जब ऋषभदेव वानप्रस्थ ले लेने पर
जयेष्ट पुत्र भरत को उन्होंने राजपाट सौंप दिया।
जैसा की आप समझ गये होंगे की, पहले भारतवर्ष का नाम ॠषभदेव के पिता नाभिराज के नाम पर अजनाभवर्ष प्रसिद्ध था।
और भरत के नाम से ही लोगों ने आज के भारत को
उस समय अजनाभखण्ड को भारतवर्ष कहने लगे थे।
4. प्राचीन भारत की जानकारियाँ,
1000 ई पू. के बाद 16 महाजनपद उत्तर भारत में मिलता हैं। 500 ईसवी पूर्व के पश्चात, कई स्वतंत्र राज्य बन गये। जैसे की...
उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक शामिल थे, उन्होंने भारत के सांस्कृतिक पटल पर गहरी और उल्लेखनीय छाप छोडी |
160 ईसवी के आरम्भ से, मध्य एशिया के तरफ से बहुत से आक्रमण हुये,
जिनके परिणाम फलस्वरूप उत्तरी भारतीय उप-महाद्वीप में इंडो ग्रीक, इंडो स्किथिअन, इंडो पार्थियन और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुये |
3 शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, तो उस समय से भारत का "स्वर्णिम काल" कहलाया।
दक्षिण भारत में अलग - अलग समय-काल में कई राजवंश जैसे की पांड्य , चोल, चेर, पल्लव , कदम्ब तथा चालुक्य चले |
गणित, खगोल शास्त्र, विज्ञान, कला, साहित्य, धर्म, प्राचीन प्रौद्योगिकी, तथा दर्शन इन्हीं राजाओं के शासनकाल के अंतर्गत में फ़ले-फ़ूले |
5. मध्यकालीन भारत की जानकारियाँ,
12वीं शताब्दी के शुरुआत में, भारत पर इस्लामों के आक्रमणों के पश्चात , उत्तरी तथा मध्य भारत का अधिकतर हिस्सा दिल्ली सल्तनत के शासना के अधीन हो गया |
और फिर इसके बाद में, अधिकतर उपमहाद्वीप मुगल वंश के अधीन हो गया। मध्यकालीन भारत के अंतर्गत दक्षिण भारत में विजयनगर साम्राज्य बहुत ही शक्तिशाली निकला।
लेकिन, विशेषतः तुलनात्मक रूप से, संरक्षित दक्षिण में ही, अनेकों राज्य शेष रहे या उभर करके के सामने में आये।
17वीं शताब्दी के मध्यकाल में पुर्तगाल ब्रिटेन , फ्रांस, डच सहित बहुत से युरोपीय देशों, जो की भारत से व्यापार करने के लिये तैयार थे |
उन्होनें देश में स्थापित शासित प्रदेश को बनाया, जो की आपस में युद्ध करने में व्यस्त थे |
उन सभी का लाभ प्राप्त किया। अंग्रेजों ने किसी अन्य सभी देशों के इच्छुक व्यापारियों को रोकने में सफल रहे और 1840 ई तक लगभग भारत के हिस्से में शासन करने में सफल हुये |
1857 ई में ब्रिटिश इस्ट इंडिया कम्पनी के विरुद्ध में असफल विद्रोह हुआ, जो की भारतीय स्वतन्त्रता के इतिहास में प्रथम संग्राम के नाम से जाना जाता है,
इसके बाद भारत का अधिकतर भाग सीधे अंग्रेजी शासन के प्रशासनिक व्यवस्था के नियंत्रण में आ गया।
6. आधुनिक भारत की जानकारियाँ,
20 शताब्दी के शुरुआत में अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिये संघर्ष चला।
और इस संघर्ष के परिणाम फलस्वरूप हमारा देश
15 अगस्त, 1947 ई को इसमें सफल हुआ, जब हमारा देश भारत ने अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता प्राप्त कीया तो लेकिन देश को दो हिस्से में विभाजित कर दिया गया।
वे दोनों विभाजित किये हुये देशों का नाम हिन्दुस्तान और पाकिस्तान है, इसके बाद 26 जनवरी, 1950 ई को हमारा देश एक एकगणराज्य बन गया।
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