Some amazing facts about Universe
ब्रह्मांड से जुड़ी हुई रोचक तथ्य
ब्रह्मांण्ड एक ऐसी जगह है, जहां पर सब कुछ मौजूद है। ब्रह्मांड इतना अधिक विशालकाय है, कि आप इसके आकार का अंदाजा भी नहीं लगा सकते। मान लिया जाये ,
कि आपने अंदाजा लगा भी लिया की ब्रह्मांड का आकार इतना अधिक बड़ा हो सकता है। पर आप के मुताबित से जहां ब्रह्मांड का अंत होना शुरू होता है |
ठीक उसके आगे भी कोई न कोई पदार्थ तो अवश्य ही होगा |
इसी प्रकार यदि हम सोचते चले जाये की ब्रह्मांड इतना अधिक बड़ा हो सकता है |
तो ब्रह्मांड उससे भी ज्यादा फैलता चला जायेगा। सन 1929 ईसवी में हब्बल वैज्ञानिक ने देखा कि आकाश-गंगायें एक दूसरे से दूर चली जा रही हैं।
तो कई वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया की शायद ब्रह्मांड शुरूआत में एक बिंदु के बराबर होगा, तथा एकाएक हुये एक विस्फोट की मदद से बने हुये कण, प्रतिकण बने,
जिससे की कई अन्य आकाशी पिंडो की उत्पति हुई । और यह उस समय से लगातार फैलते ही चला जा रहा हैं।
इस विस्फोट के समय का अंदाजा लगाया गया की,
आज से करीब 15 अरब (15×109) साल पहले का लगाया गया है |
तथा इसे महा-विस्फोट का सिद्धांत कहा जाता है। तो आप आज के इस लेख में इस रहस्मई ब्रह्मांड के बारे में रोचक तथ्य जानेगे |
1.अगर आपका
Mobile, T.V. Telephone या अन्य कोई भी यंत्र जो आवाज़ पैदा करने वाला रिकार्डर जो music set जब ठीक से नहीं चल रहा होता है,
उस समय यह जो बेकार सी आवाज उत्पन्न करता है,
यह Big-Bang(महा-विस्फोट) के तुरंत बाद बनने वाली रेडिऐशन (Rediation) का नतीजा है,
जो आज के समय में 15 अरब साल बाद भी मौजूद है।
2. खगोल-विज्ञान के मुताबित हम कहते है, कि हर भौतिक वस्तु जो की इस ब्रह्मांण्ड में उपस्थित है।
इसमें ही खरबों आकाश-गंगायें, सौर मंण्डल और तारे मौजूद है।
लेकिन यह सिर्फ सारी वस्तुओं का
25 प्रतीशत ही होता है। अभी भी बहुत सी कई ऐसी और चीजों के बारें में जानकारियाँ लगाया जाना बाकी है।
3. अगर नासा एक
पंक्षी को अंतरिक्ष में भेजे तो वह उड़ नहीं पायेगा |
और पंक्षी जल्दी ही मर जायेगा । ऐसा इशलिये सभव हो पाता क्योंकि अंतरिक्ष में पंक्षी को उड़ने के लिये बल ही नहीं मौजूद है।
4. क्या आप को मालूम है, की
श्याम पदार्थ(dark matter) ब्रह्मांड में पाया जाने वाला इस प्रकार पदार्थ है,
जो दिखता नहीं है | लेकिन इसके गुरूत्व का असर जरूर पाया गया है। इसीलिये इसे श्याम पदार्थ का नाम रखा गया है, क्योंकि यह मौजूद है, लेकिन दिखता नहीं।
5. अगर मान लिया जाये की आप एक मिनट में कुल 100 तारे को गिने पते है,
तो इस प्रकार से
आप पुरी एक आकाशगंगा को 2000 साल में गिन पाने में सफल हो सकते है।
6. महा-विस्फोट समय के बाद ब्रह्मांड विस्तारित होकर के अपने वर्तमान स्थिति में आया गया ।
लेकिन आधुनिक विज्ञान के मुताबित वे सभी भौतिक पदार्थ प्रकाश की गति की मदद से फैल नहीं सकता है।
लेकिन महा-विस्फोट सिद्धांत में तो यह पक्का और ठोस प्रमाण है, कि यह
ब्रह्मांड 15 खरब वर्ष में 93 खरब प्रकाश वर्ष तक फैल चुका हुआ होगा।
1प्रकाश वर्ष (light year) का मतलब यह होता है, की प्रकाश के द्वारा एक वर्ष में तय किया हुआ दूरी।
पर इस समस्या को महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन का साधारण सापेक्षतावाद को सिद्धात समझाता है।
साधारण सापेक्षतावाद सिद्धात के अनुसार दो आकाश-गंगायें एक - दुसरे से जितनी अधिक दूर है, उतने ही अधिक अनुपात से आकाश-गंगायें और दूर होती चली जाती है।
इस तथ्य को समझने में थोड़ा कठिन तो लगेगा | लेकिन जब इसे आप ध्यानपूर्वक से पढ़ेगें | तो आपको जरुर थोड़ा - बहुत समझ आ जायेगा।
7. हमारी आकाश-गंगा का नाम मंदाकिनी है, और हमारा सौर मंण्डल इसी आकाशगंगा में है। आकाश-गंगा का ग्रीक भाषा में ‘दूध’ अर्थ होता है ।
अगर आप एक खगोलीये दूरबीन लेकर आकाश-गंगाओं को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे की,
दूध की धारा बहती जा रही हो।
8. द लार्ज मेगालीनिक कलाउड आकाश-गंगा सभी आकाश-गंगाओं से सबसे अधिक चमकदार है। यह केवल दक्षिणी गोलार्द में ही देखने को मिलती है। यह धरती से लगभग
1.7 लाख प्रकाश वर्ष दूर है, इसका
व्यास 39,000 प्रकाश वर्ष अंकित किया गया है।
9. Abell 2029 ब्रह्मांड की सबसे बड़ी आकाश-गंगा है। व्यास 56,00,000 प्रकाश वर्ष तक है |
तथा यह हमारी आकाश-गंगा से 80 गुना अधिक बड़ी है, यह धरती से लगभग
107 करोड़ प्रकाश वर्ष की दुरी पर है।
10. धनु बौनी आकाश-गंगा की खोज
1994 में की गई थी, तथा यह सभी आकाश-गंगायों में से धरती के सबसे नजदीक है, यह धरती से लगभग
70,000 प्रकाश वर्ष की दुरी पर मौजूद है।
11. ऐड्रोमेडा आकाश-गंगा को नग्न आखों से देखा जाने वाला सबसे दूर स्थित आकाश-गंगा है, यह पृथ्वी से लगभग
2309000 प्रकाश वर्ष की दुरी पर मौजूद है। ऐड्रोमेडा आकाश-गंगा में लगभग 300 खरब (30×1011) तारे मौजूद है, और इसका व्यास 1,80,000 प्रकाश वर्ष आकी गई है।
12. अधिकतर आकाश-गंगाओं की आकार
अंडाकार है, पर कुछ आकाश-गंगा अपनी आकार बदलती रहती है। हमारी आकाश-गंगा मंदाकिनी है, जिसका आकार अंडाकार के समान है।
13. Abell 1835 IR 1916 आकाश-गंगा हमारे ब्रह्मांड की सबसे अधिक दुरी पर स्थित आकाश-गंगा है, और यह धरती से आश्चार्यजनक
13.2 खरब प्रकाश वर्ष की दुरी पर मौजूद है।
वर्ष 2004 में युरोपीय दक्षिणी वेधशाला के खगोलविदों (वैज्ञानिक) ने इस आका-शगंगा की खोज की घोषणा की थी ।
14. ब्रह्मांड महाविस्फोट के बाद की घटित घटनाये की कैंलेडर
महा-विस्फोट होने के बाद ढेर सारे धरती और खगोलीय की घटनायें घटित हुई है,
जिसमें से मुख्य डायनासोरों का जन्म और इसका खात्मा शामिल है।
ये सारी घटनायें बहुत ही ज्यादा समय में घटित हुई है, जिससे कि एक आम मनुष्य समझ ही नहीं सकता।
इस समस्या से निजात पाने के लिये खगोलबिद
कार्ल सागनऔर अमरीकी गणितज्ञ ने
‘ब्रह्मांड कैंलेडर’ का बनाने का विचार प्रकट किया।
और इस कैंलेडर में महा-विस्फोट से लेकर अब तक के मानव इतिहास को एक साल में प्रदर्शित किया गया है।
तो इस कैंलैडर की घटनायें को जानते है।
तिथियाँ | घटनाएँ |
1 जनवरी 12:00 am | महा-विस्फोट ब्रह्मांड का निर्माण |
☆ 15 मार्च | पहले आकाश गंगा और सितारों का निर्माण |
1 मई | हमारी आकाश गंगा मंदाकिनी का निर्माण |
☆ 8 सितंबर | हमारे सुर्य का निर्माण |
9 सितंबर | हमारे सुर्य मंण्डल का निर्माण |
☆ 12 सितंबर | पृथ्वी का निर्माण |
13 सितंबर | चाँद का निर्माण |
☆ 20 सितंबर | धरती के वायुमंडल का निर्माण |
1 अक्तुबर | धरती पर सबसे पहले एक कोशिका जीवों का निर्माण |
☆ 7 अक्तुबर | सबसे पहले के जाने जाने वाले फासिल |
18 दिसंबर | अनेक cells वाले जीवों की निर्माण |
☆ 19 दिसंबर | पहली मछली |
21 दिसंबर | पहले स्थली पौधे और कीड़े |
☆ 23 दिसंबर | पहले रेंगने वाले |
24 दिसंबर | पहले डायनासोर |
☆ 26 दिसंबर | पहले स्तनपाई |
27 दिसंबर | पहले पक्षी |
☆ 28 दिसंबर | पहले फूल वाले पौधे |
29 दिसंबर | डायनासोरो का विनाश |
☆ 31 दिसंबर के रात के 11:55 बजे | मनुष्यों के कुल इतिहास से अब तक.. |
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