1. स्थलाकृति किसे कहते है ?
स्थलाकृति (Topography, टोपॉग्रफ़ी) ग्रह विज्ञान की यह एक शाखा है,
जिसके अंतर्गत पृथ्वी अथवा किसी अन्य ग्रहों, क्षुद्रग्रहों और उपग्रहों की सतह के आकार एवं आकृतियों के बारे में अध्ययन किया जाता है।
तथा किसी भी प्रकार की नक़्शों के निर्माण में स्थलाकृति का बहुत ही ज्यादा और विशेष महत्व है |
♥ स्थलाकृति के इस लेख के मुख्य बिंदुओ...
1. स्थलाकृति किसे कहते है ?
2. पृथ्वी की आतंरिक संरचना को कितने भागों में विभाजित किया गया है ?
3. ऊपरी परत Upper Layer के बारे में
4. मध्यवर्ती परत Middle Layer के बारे में
5. निचली परत Bottom Layer के बारे में
2. पृथ्वी की आतंरिक संरचना को कितने भागों में विभाजित किया गया है ?
भूगर्भ में भिन्न - भिन्न गहराइयों पर भूकम्प की लहरों की गति और विशेषताओं के आधार पर भूगर्भ को मूल रूप तीन परतों में विभाजित किया गया है...
- 1. ऊपरी परत Upper Layer
- 2. मध्यवर्ती परत Middle Layer
- 3. निचली परत Bottom Layer
3. ऊपरी परत Upper Layer के बारे में
ऊपरी परत Upper Layer- पृथ्वी के ऊपरी सतह में साधारणत:
Pg लहरें 5.4 किलोमीटर की गति से तथा Sg लहरें 3.3 किलोमीटर प्रति सेकण्ड की गति से चलती हैं।
और ये लहरें जिन चट्टानों से होती हुई गुजरती हैं | उनका घनत्व 2.7 होता है। इसके आधार से यह सिद्द होता है, कि पृथ्वी की ऊपरी परत या Upper Layer ग्रेनाइट चट्टानों का बना हुआ होता है।
इन दोनों लहरों से पहले Ss तथा Ps लहरों का अवलोकन और अंकन किया जाता है, जो न्यूनवेग की गति से ऊपरी भाग में बहती रहती हैं, जिससे यह निष्कर्ष निकला जा सकता है,
कि
पृथ्वी की सबसे ऊपरी भाग परतदार चट्टानों की बनी हुई होती है।
4. मध्यवर्ती परत Middle Layer के बारे में
मध्यवर्ती परत Middle Layer-
कोनार्ड नामक वैज्ञानिक ने सन 1923 में, टयूर्न के भूकम्प में P* और S* नामक दो लहरों का पता लगाया था।
और P* तथा S* लहरों की गति क्रमशः 6 (6km/s)से किलोमीटर प्रति सेकण्ड अंकित की गयी है।
P* तथा S* लहरों से पृथ्वी की मध्यवर्ती परत भाग का घनत्व स्पष्ट रूप से ज्ञात होता है। इशलिये मध्यवर्ती परत में ज्यादा घनत्व वाली बेसाल्ट की बनी चट्टानों की अधिक मात्रा में मौजूदगी है।
और जिनकी मोटाई 20 किलोमीटर से लेकर 30 किलोमीटर तक अंकित की गयी है।
डेली तथा जैफ्रे दो वैज्ञानिक इस परत को ग्लासी बेसाल्ट की परत मानते हैं, और वही
होम्स तथा वेगनर दो वैज्ञानिक इस परत को एम्फीबोलाइट से बनी हुई परत मानते हैं।
5. निचली परत Bottom Layer के बारे में
निचली परत- निचली परत तक सिर्फ प्राथमिक लहरें ही जा पाती हैं।
प्राथमिक (P) लहर की गति 7.8 किलोमीटर प्रति सेकण्ड तथा दूसरी S लहर की गति 4.5 किलोमीटर प्रति सेकण्ड अंकित की गयी है।
इस परत का घनत्व अन्य सभी परतों के मुकाबले ज्यादा है, क्योंकि यह परत ज्यादा घनत्व वाले पदार्थों की बनी हुई है।
और यहाँ पृथ्वी के केन्द्रीय भाग में सिर्फ प्राथमिक लहरें ही प्रवेश कर पाने में सक्षम होती हैं,
क्योंकि इस भाग का घनत्व सर्वाधिक सबसे ज्यादा होता है |
लेकिन यहाँ की चट्टानें क्या तरल अवस्था में मौजूद हैं? इस पर स्पष्टतः मतभेद बना हुआ है,
इशलिये की पृथ्वी के मध्य भाग में यानि
बीचों – बिच के भाग में निकल और लोहा जैसे खनिजों की बहुलता मौजूद है, इसलिए प्राथमिक लहरें हमेशा लहरनुमा प्रवेश करती हैं।
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