महाकाव्य (एपिक, Epic )
1. महाकाव्य का परिचय क्या है ?
छोटे आकार की और किसी जो किसी भी महान कार्य की वर्णन करने की उस विधि को महाकाव्य के नाम से जाना जाता है |
महाकाव्य विश्व के सभी प्राचीन देशों की सभ्यता और संस्कृति की अभिव्यक्ति का प्रबल माध्यम रहा है।
जहाँ भारत में
'रामायण’ और 'महाभारत' और उधर यूनानियों के लिये कवि होमर के ‘इलियड’ और ‘ओडिसी’ इसके उज्जवल प्रमाण रहा हैं।
इन सभी महाकाव्यों के कथानक अपने -अपने देश के इतिहास पर आधारित जरुर हैं लेकिन उनमें जातीय मिथकों का अन्तर्गुंफन शुरुआत से अंतिम तक पाया जाता है |
♥ महाकाव्य लेख के मुख्य बिंदुओ...
1. महाकाव्य का परिचय क्या है ?
2. महाकाव्य तथा लेखकों के नाम ?
3. संस्कृत के महाकाव्य कौन - कौन है ?
4. हिन्दी के महाकाव्य कौन - कौन है ?
5. तमिल के महाकाव्य कौन - कौन है ?
6. प्राकृत और अपभ्रंश के महाकाव्य कौन - कौन है ?
‘ओडिसी’’ और ‘ इलियड में यूनान की मिथक कथाये अनुस्यूत हैं, और रामायण महाभारत में भारतीय मिथकों का मुख्यतः वैदिक मिथकों का ताना बाना शुरुआत से अंत तक बना हुआ है।
रचना का रूप आकार किसी भी धारणा को पालने से लौकिक और अलौकिक तत्वों से गुंफित ये सभी कथाये मौखिक परंपरा के रूप में लोकप्रिय रही थीं।
इशलिये इन सभी महाकाव्यों की रचना सार्वजनिक प्रस्तुति के मूल उद्देश्य से वाचक शैली में की गई है।
महाकाव्य रामायण में तो इस तथ्यों को एकदम साफ रूप में उल्लेख ही कर दिया गया है,
की लव और कुश ने राज्यसभा और जनसमाज में इसका तथ्य का वाचक किया था। और यह मौखिक परंपरा से संबंध रहने के वजह से इन महाकाव्यों के कलेवर का हमेशा विकास होता रहा है ।
इशलिये मूलतः
एक कवि के कृतित्व से मुद्रांकित होने पर भी ये अपने मूल रूप की बचाव नहीं कर सके हैं।
2. महाकाव्य तथा लेखकों के नाम ?
महाकाव्य के नाम
| लेखक के नाम
|
कुरूक्षेत्र | रामधारी सिंह दिनकर |
कामायनी | जयशंकर प्रसाद |
आर्यावर्त | मोहनलाल महतो |
नूरजहां | गुरूभक्त सिंह |
हल्दीघाटी | श्याम नारायण पांडेय |
दैत्यवंश | हरदयाल सिंह |
गांधी पारायण | अंबिका प्रसाद 'दिव्य' |
साकेत संत | डॉ॰ बलदेव प्रसाद मिश्र |
साकेत | मैथिलीशरण गुप्त |
रामचंद्रिका | केशवदास |
हिंदी महाकाव्य में सृजन की परंपरा में महाकाव्य के तिन तत्व क्थावस्तुनायक तथा रस मान्य हैं।
और कथावस्तु के तिन अंग विस्तार विशालता एव छंद वैविध्य, नायक के तिन अंग ,गुण धीरोदात्तता, शालीनता प्रासंगिकता तथा रस के तिन गुण भाषा - शैलीअलंकार तथा भावानुभाव हैं।
3. संस्कृत के महाकाव्य कौन - कौन है ?
संस्कृत के महाकाव्य निम्नलिखित रूप से है ...
• रामायण (वाल्मीकि)
• महाभारत (वेद व्यास)
• नैषधीय चरित (श्रीहर्ष)
• कुमारसंभव (कालिदास)
• किरातार्जुनीयम् (भारवि)
• रघुवंश (कालिदास)
• शिशुपाल वध (माघ)
• बुद्धचरित (अश्वघोष)
कुमारसम्भव, रघुवंश, कीरातार्जुनीयम्, नैषधचरित और शिशुपालवध को 'पंचमहाकाव्य' कहा जाता है।
4. हिन्दी के महाकाव्य कौन - कौन है ?
हिंदी के महाकाव्य निम्नलिखित रूप से है ...
1. चंदबरदाईकृत पृथ्वीराज रासो को हिंदी का प्रथम महाकाव्य कहा जाता है।
2. मलिक मुहम्मद जायसी पद्मावत
3. तुलसीदास रामचरितमानस
4. आचार्य केशवदास रामचंद्रिका
5. मैथिलीशरण गुप्त साकेत
6. अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध प्रियप्रवास
7. द्वारका प्रसाद मिश्र कृष्णायन
8. जयशंकर प्रसाद कामायनी
9. रामधारी सिंह 'दिनकर उर्वशी
10. रामकुमार वर्मा एकलव्य
11. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' - उर्मिला
12. गुरुभक्त सिंह नूरजहां, विक्रमादित्य
13. अनूप शर्मा सिद्धार्थ, वर्द्धमान
14. रामानंद तिवारी पार्वती
15. गिरिजा दत्त शुक्ल 'गिरीश तारक वध
5. तमिल के महाकाव्य कौन - कौन है ?
तमिल के महाकाव्य निम्नलिखित रूप से है ...
• जीवक चिन्तामणि
• शिलप्पादिकारम
• कुण्डलकेसि
• वलैयापति
• मणिमेकलै
6. प्राकृत और अपभ्रंश के महाकाव्य कौन - कौन है ?
प्राकृत और अपभ्रंश के महाकाव्य निम्नलिखित रूप से है ...
•नागकुमार चरित
•लीलाबई (लीलावती)
•रिट्थणेमिचरिउ
•उसाणिरुद्म (उषानिरुद्ध)
•कंस वही (कंस वध)
•पद्मचरित
•सिरिचिन्हकव्वं (श्री चिन्ह काव्य)
•महापुराण
•रावण वही (रावण वध)
•यशोधरा चरित
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